ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य, पूजा-पाठ या मंगल कार्य नहीं किया जाता है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने से पहले ही चंद्र ग्रहण भी लग चुका है। अब सवाल यह उठता है कि साल का पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा? साथ ही, यह जानना भी जरूरी है कि सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल कब से शुरू होगा। आइए, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रहण से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझते हैं।
चंद्र ग्रहण के बारे में यहाँ पढ़िए
सूर्य ग्रहण क्या होता है? (What is a Solar Eclipse?)
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुँचने से रोकता है, जिससे सूर्य का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा ढक जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं:
1. पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है।
2. आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है।
3. वलयाकार सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता और सूर्य का बाहरी हिस्सा एक चमकदार वलय के रूप में दिखाई देता है।
29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य का केवल एक हिस्सा ही चंद्रमा द्वारा ढका जाएगा।
कब लगेगा सूर्य ग्रहण और सूतक काल
सूर्य ग्रहण का आरंभ 29 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर होगा और यह शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे की होगी। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल को महत्वपूर्ण माना जाता है। सूतक काल ग्रहण के आरंभ से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस बार सूतक काल 28 मार्च की मध्य रात्रि 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। हालांकि, चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
किन-किन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आर्कटिक महासागर, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इन देशों में रहने वाले लोग इस खगोलीय घटना का आनंद ले पाएंगे।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए
सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को सोना नहीं चाहिए। इस दौरान खाना बनाना या खाना खाना भी अशुभ माना जाता है, हालांकि बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं फल आदि का सेवन कर सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि पहले से ही भोजन बना हुआ है, तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। घर के मंदिर के कपाट बंद कर देना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कना शुभ माना जाता है। ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जाप करना भी लाभदायक होता है।
सूर्य ग्रहण देखते समय सावधानियाँ
सूर्य ग्रहण को नग्न आँखों से देखना हानिकारक हो सकता है। सूर्य की तेज रोशनी आँखों को नुकसान पहुँचा सकती है। इसलिए, सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष सुरक्षात्मक चश्मे या टेलीस्कोप का उपयोग करना चाहिए। सामान्य सनग्लासेस या घर के बने उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। लोग इस दौरान मंत्र जाप, ध्यान और पूजा-पाठ करते हैं।
वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है, जो खगोलीय गतिविधियों का हिस्सा है। यह घटना खगोलविदों और वैज्ञानिकों के लिए शोध और अध्ययन का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
निष्कर्ष
सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जो हमें प्रकृति के रहस्यों को समझने का अवसर देती है। 29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन यह दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यदि आप इस ग्रहण को देखने के इच्छुक हैं, तो सुरक्षा के सभी उपायों का ध्यान रखें।
सूर्य ग्रहण 2025 से जुड़े 5 सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. सूर्य ग्रहण 2025 कब लगेगा?
सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार के दिन लगेगा। यह दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा।
2. क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा?
नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आर्कटिक महासागर, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
3. सूतक काल क्या होता है और क्या यह इस बार मान्य होगा?
सूतक काल ग्रहण के आरंभ से 12 घंटे पहले शुरू होता है। इस बार सूतक काल 28 मार्च की मध्य रात्रि 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। हालांकि, यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।
4. सूर्य ग्रहण देखते समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
सूर्य ग्रहण को नग्न आँखों से नहीं देखना चाहिए। इसके लिए विशेष सुरक्षात्मक चश्मे, टेलीस्कोप या पिनहोल प्रोजेक्टर का उपयोग करना चाहिए। सामान्य सनग्लासेस या घर के बने उपकरणों का उपयोग न करें।
5. सूर्य ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है?
धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इस दौरान सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक प्राकृतिक घटना है, जो खगोलीय गतिविधियों का हिस्सा है और वैज्ञानिकों के लिए शोध का अवसर प्रदान करती है।