makar sankranti

जानें मकर संक्रांति 2025 की सही तिथि एवं शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति 2025 मंगलवार, 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा, जो लगभग 8 घंटे 42 मिनट का होता है। इस अवधि के दौरान धार्मिक क्रियाएं, जैसे पवित्र नदियों में स्नान, दान, और सूर्य पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

 

मकर संक्रांति का महत्व​

 

मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण (उत्तर की ओर यात्रा) की शुरुआत का प्रतीक है, जो लंबी और गर्म दिनों की शुरुआत को दर्शाता है। यह कृषि समुदाय के लिए फसल कटाई का समय होता है, और इसलिए यह समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान देने, और सूर्य देव की पूजा करने की परंपराएं हैं।

 

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मकर संक्रांति की परंपराएं​

 

तिल-गुड़ के लड्डू: मकर संक्रांति के दौरान तिल और गुड़ से बने लड्डू तैयार किए जाते हैं, जिन्हें एक-दूसरे को वितरित किया जाता है। यह परंपरा मिठास और सौहार्द का प्रतीक है।

 

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पतंगबाजी: गुजरात और राजस्थान में मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी एक प्रमुख गतिविधि है। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है।

 

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पवित्र स्नान: मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है। यह परंपरा विशेष रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है।

 

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मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है खिचड़ी?

 

इसके साथ मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाना एक सांस्कृतिक, धार्मिक और स्वास्थ्य से जुड़ी परंपरा है। इस दिन को शुभ मानते हुए, खिचड़ी का सेवन स्वास्थ्यवर्धक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्व रखता है।

 

मकर संक्रांति के विभिन्न नाम और राज्यवार उत्सव​

 

पोंगल (तमिलनाडु): तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है, जो चार दिनों तक चलता है और फसल की कटाई का उत्सव होता है।

 

उत्तरायण (गुजरात): गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है, जिसमें विशेष रूप से पतंगबाजी की जाती है।

 

निष्कर्ष

 

मकर संक्रांति का यह पर्व भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो विभिन्न परंपराओं और उत्सवों के माध्यम से मनाया जाता है।

 

आप सभी को गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ ज्योतिष संस्थान एवं एस्ट्रोसाइंस की ओर से मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं।

 

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