karva chauth 2024

करवा चौथ (KARVA CHAUTH): महत्व, कथा, पूजा विधि और तिथि

KARVA CHAUTH “हिंदू धर्म” और भारत वर्ष का महत्वपूर्ण पर्व है। यह विशेषतः विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला उपवास है। मुख्यतः यह त्योहार सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है, लेकिन अब विदेशों में भी इसकी धूम देखी जा रही है। भारतीय परंपराओं के विकास के तौर पर यह बात बेहद गौरवान्वित करने वाली है।

 

इस लेख में हम आपको करवा चौथ के महत्व, कथा, पूजा विधि और तिथि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

 

KARVA CHAUTH 2024: जानें करवा चौथ का महत्व

 

करवा चौथ का पर्व विशेषकर शादीशुदा स्त्रियों के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए भगवान से कामना करती हैं। इस पवित्र व्रत को “करक चतुर्थी” के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो सम्पूर्ण भारत में इस व्रत को मनाया जाता है, परंतु मुख्यतः उत्तर भारत के कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में करवा चौथ को अत्यंत धूम-धाम से मनाया जाता है।

 

करवा चौथ (KARVA CHAUTH) वर्तमान में धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक इवेंट बन गया है। आधुनिक युग में महिलाएं इसे एक उत्सव के रूप में मनाती हैं, जहां मेहंदी, श्रृंगार, साड़ी और नए कपड़ों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इतना ही नहीं, पति-पत्नी एक ही रंग के कपड़े पहनकर एक-दूसरे के साथ इस दिन को उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही करवा चौथ (KARVA CHAUTH) का यह पर्व अब सोशल मीडिया पर इतना लोकप्रिय हो चुका है कि इसे ग्लोबल इवेंट बना दिया गया है।

 

करवा चौथ कब है? (When is Karva Chauth?)

 

प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। परंतु इस वर्ष करवा चौथ की तारीख (Karva Chauth Date) को लेकर लोगों के मन में कई तरह के संशय बने हुए हैं। इसका कारण यह है कि करवा चौथ का मुहूर्त दो दिन तक होगा। जी हाँ! पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर, 2024 को सुबह 06:46 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 21 अक्टूबर, 2024 को सुबह 04:16 मिनट पर होगा। परंतु उदय तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा।

 

करवा चौथ (KARVA CHAUTH) व्रत की पूजा विधि

 

करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है। इस दौरान विवाहित महिलाएं पानी तक ग्रहण नहीं करतीं। साथ ही, इस व्रत की शुरुआत सरगी खाकर की जाती है। सरगी में फल, मिठाई और ड्राई फ्रूट्स होते हैं जो सास द्वारा बहु को दिए जाते हैं।

 

सोलह श्रृंगार का महत्व

 

KARVA CHAUTH का व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के उद्देश्य से रखा जाता है, साथ ही यह व्रत पति-पत्नी के प्रेम का भी प्रतीक होता है। इसलिए इस दिन महिलाएं सम्पूर्ण सोलह श्रृंगार करती हैं। इसी के साथ शाम को होने वाली पूजा के लिए करवा, जल, फूल, दीपक, रोली, चावल और मिठाई का थाल तैयार किया जाता है।

 

करवा चौथ की पूजा विधि

 

इस व्रत की पूजा की शुरुआत शाम को होती है, जब सभी महिलाएं करवा और अपनी पूजा की थाल लेकर समूह में बैठती हैं और करवा चौथ की कथा सुनती हैं। कथा सुनने के बाद चाँद के निकलने का इंतज़ार किया जाता है, और चाँद निकलने के उपरांत महिलायें छलनी द्वारा चाँद और अपने पति का मुख देखती हैं। इसके बाद पति द्वारा पानी पिलाकर इस व्रत को सम्पूर्ण माना जाता है।

 

करवा चौथ कथा (Karva Chauth Katha)

 

करवा चौथ की प्रमुख कथा: वीर महिला करवा और यमराज की कहानी।

 

करवा चौथ की कथा में एक वीर महिला करवा की कहानी बताई जाती है, जिसने अपने पति को यमराज से बचाया था। जब उसका पति नदी में स्नान कर रहा था, तब एक मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया। करवा ने मगरमच्छ को धागे से बांधकर यमराज के सामने पेश किया और यमराज से उसके पति की जान बचाने की प्रार्थना की।

 

अन्य कथाएं: सावित्री और सत्यवान की कथा।

 

इसके अलावा, सावित्री और सत्यवान की कहानी भी करवा चौथ के साथ जुड़ी हुई है। सावित्री ने अपने पति सत्यवान की आत्मा को यमराज से वापस लाने के लिए दृढ़ता से उपवास किया और तपस्या की थी। यह कहानी करवा चौथ व्रत की शक्ति और आस्था को दर्शाती है।

 

करवा चौथ 2024 (Karva Chauth 2024): नयी पीढ़ी के लिए इस पर्व का महत्व

 

युवाओं के बीच इस पर्व की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया, विशेषकर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इनसे जुड़ी पोस्ट, रील्स और स्टोरीज देखने को मिलती हैं। इसी के साथ आज के समय में पुरुष भी अपनी पत्नियों/प्रेमिकाओं के लिए इस व्रत को रखते हैं, जो करवा चौथ (Karva Chauth) के बदलते स्वरूप को दर्शाता है।

 

निष्कर्ष

 

करवा चौथ हिन्दू धर्म में बड़ा ही पवित्र दिन माना जाता है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच के प्रेम को बनाए रखने में बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसकी बढ़ती लोकप्रियता ने इस व्रत का विस्तार विदेशों में भी किया है। साथ ही, आज की युवा पीढ़ी भी करवा चौथ के व्रत और इससे जुड़ी परंपराओं को जानने में उत्सुक रहती है। हम आशा करते हैं कि साल 2024 में आने वाले करवा चौथ से जुड़ी आपको सम्पूर्ण जानकारी हमारे इस लेख में प्राप्त हुई होगी।

 

इसी के साथ, गुरुदेव और जीडी वशिष्ठ ज्योतिष संस्थान की ओर से आप सभी को KARVA CHAUTH की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

FAQ’S: करवा चौथ से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

 

प्रश्न: क्या करवा चौथ का व्रत सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही रख सकती हैं?

 

उत्तर: पारंपरिक रूप से यह व्रत सिर्फ विवाहित महिलाओं द्वारा ही रखा जाता है।

 

प्रश्न: करवा चौथ की पूजा का क्या महत्व है?

 

उत्तर: करवा चौथ की पूजा का महत्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण को बढ़ावा देने में है।

 

प्रश्न: करवा चौथ पर चाँद देखने का महत्व क्या है?

 

उत्तर: इस पर्व पर चाँद देखने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पति की लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ पर महिलाएं चाँद को देखकर उसकी पूजा करती हैं और फिर अपने पति को देखकर व्रत का पारण करती हैं।
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