chhath puja

Celebrating Chhath Puja: A Guide to the Festival of Sun Worship

Chhath Puja का पर्व आस्था का महापर्व माना जाता है, चारदिवसीय इस पावन पर्व में सूर्य देव और छठी माता की उपासना की जाती है। यह त्यौहार दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है, विशेष तौर पर बिहार और झारखंड राज्य में यह धूमधाम से मनाया जाता है परंतु अब छठ पर्व की बढ़ती आस्था एवं लोकप्रियता के कारण देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में ही इस त्यौहार की धूम देखने को मिलती है।


एस्ट्रोसाइंस के इस खास ब्लॉग के माध्यम से आपको छठ पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी।

 

छठ पूजा कब है? (When is Chhath Puja)

 

हिंदू केलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की “शुक्ल षष्ठी तिथि” को छठ का महापर्व मनाया जाता है, इस वर्ष छठ पूजा के पावन पर्व की शुरुआत 5 नवंबर, मंगलवार के दिन से होगी तो वहीं इसका समापन 8 नवंबर, शुक्रवार के दिन होगा।

 

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चार दिनों का यह उत्सव कार्तिक शुल्क चतुर्थी तिथि से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है।

 

1. नहाय खाय :- छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है इस वर्ष नहाय खाय 5 नवंबर, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन वर्ती सुबह नहाकर घर की अच्छी तरह साज-सज्जा कर भोजन ग्रहण करते हैं।

2. खरना :- Chhath Puja के दुसरे दिन को खरना कहा जाता है, इस वर्ष खरना 6 नवंबर, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन वर्ती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर शाम को गुड़ की खीर, घी लगी रोटी और फल ग्रहण करती हैं साथ ही परिवार के सदस्यों को भी प्रसाद के रूप में परोसती हैं।

3. संध्या अर्घ्य :- इस वर्ष छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ 7 नवंबर, गुरूवार के दिन दिया जाएगा। इस दिन सभी पूजा सामग्रियों को एक बांस की टोकरी में एकत्र करके घाट (नदी या तालाब) पर जाकर अस्त होते सूर्यदेव को जल और दूध अर्पित कर अर्घ्य दिया जाता है। छठी माता को प्रणाम करते हुए प्रसाद से भरे सूप से उनकी पूजा की जाती है।संध्या अर्घ्य के बाद छठी माता के गीत गाये जाते है साथ ही उनकी कथा भी सुनते हैं।

4. उषा अर्घ्य, पारण का दिन :- छठ पूजा के चौथे दिन घाट पर पहुंचकर उदय होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है इस वर्ष उषा अर्घ्य 8 नवंबर, शुक्रवार के दिन दिया जाएगा जिसके बाद वर्ती छठी माता और सूर्य देवता से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और कुशलता की प्रार्थना करते हुए मनोकामना मांगी जाती है इसके बाद पूजा के प्रसाद का वितरण वर्ती ग्रहण करते हुए पूजा का पारण करते हैं।

 

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छठ पूजा का महत्व (Importance of Chhath Puja)

 

छठ पूजा एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिसमें उगते सूर्य से पहले डूबते सूर्य की उपासना की जाती है। छठ का व्रत विशेष तौर पर महिलाएं सपनी संतान और परिवार के खुशहाल जीवन के लिए करती हैं। सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है जिसमें सूर्य देव की अराधना की जाती है। सूर्य देवता को व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से देख सकता है और शास्त्रों में भी सूर्य देव की पूजा का विधान है।

 

Chhath Puja पर विशेष रूप से छठी माता की पूजा की जाती है, मान्यता के अनुसार छठी माता को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन कहा जाता है। छठी माता की पूजा से संतान सुख, आरोग्य और मनवांछित वर की प्राप्ति होती है।

 

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छठ पूजा व्रत कथा (Chhath Puja Story)

 

छठी माता की पूजा होंने के कारण इस महान लोकपर्व को Chhath Puja कहा जाता है, छठ वर्ती को इस दिन छठ की कथा जरूरी सुननी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार राजा प्रियव्रत अपनी संतान न होने के कारण दुखी थे तभी महर्षि कश्यप ने उन्हें पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहा और यज्ञ की आहुति की खीर रानी मालिनी को खिलाने को कहा जिसके परिणामस्वरुप उन्हें पुत्र तो प्राप्त हुआ लेकिन वह मृत था तभी एक चमत्कार हुआ और एक विमान में माता षष्ठी प्रकट हुई उनके आशीर्वाद से प्रियव्रत रजा का मृत पुत्र जीवित हो उठा तो राजा ने छठ पूजा की जिसके बाद से इस पूजा की परंपरा शुरू हुई।

 

छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Items)

 

धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से खास महत्व है जिसे विधि-विधान और परंपरानुसार करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। छठ पूजा में निम्न पूजा सामग्रियों की आवशयकता होती है।

 

1. बांस की टोकरी, सूप, पीतल की थाली, ग्लास, मिट्ठी का कलश, दिया

2. नारियल, शरीफा, निम्बू, सेब, केला, नाशपाती, बड़ा निम्बू, गन्ना, अनानास

3. मुली, शकरकंदी, सुथनी, पान-सुपारी, आंवला, केराव, साबुत हल्दी

4. कुमकुम, अक्षत, ठेकुआ, मिठाई, चावल के लड्डू

 

इस बात का विशेष ध्यान रखें की छठ पूजा की सामग्री शुद्ध, साफ़-सुथरी रहे और पूजा पूर्ण होने तक उसे कोई झूठा ना कर पाए।

 

निष्कर्ष

 

हम आशा करते हैं की छठ पूजा के इस खास ब्लॉग से आपको छठ से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई होंगी। हम यह मंगलकामना करते हैं की छठी माता की अपार महिमा से आप सभी का कल्याण हो।

 

आप सभी को वशिष्ठ ज्योतिष संस्थान एवं एस्ट्रोसाइंस की ओर से Chhath Puja की हार्दिक शुभकामनाएं। 

 

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

 

प्रश्न:- Chhath Puja 2024 कब है?

 

उत्तर:-  इस वर्ष छठ पूजा नवंबर 7 और 8 तारीख को मनाई जायेगी।



प्रश्न:- छठ पूजा पर किसकी पूजा की जाती है?


उत्तर :- छठ पूजा के दिन सूर्य देवता और छठी माता की उपासना की जाती है।

 

प्रश्न:- छठ पूजा क्यों की जाती है?


उत्तर :-  छठ पूजा के प्रति लोगों की गहरी आस्था है विशेष तौर पर Chhath Puja पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है।
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