हमारी जन्म कुंडली में ग्रहों की दशा ही हमारे व्यवहार, जीवन-शैली, आत्म-विश्वास, बड़ों के प्रति आदर- भावना और अन्य कई चीज़े निर्धारित करती है। साथ ही, लग्न कुंडली में ग्रहों का प्रभाव भी शुभ और अशुभ फलों के लिये ज़िम्मेदार होता है। यहां तक कि यह आपकी जन्म कुंडली में दरिद्र योग से ले कर धनवान योग भी बना सकता है। आईये जानते है, कुछ अशुभ योगो के बारें में और कैसे इसे शांत किया जाएं और साथ-ही जानेंगे कौन से शुभ योग हमें धनवान बनाते है।
दरिद्र एवं महादरिद्र योग
शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव भय, हानि, और अन्य कई समस्याओं का कारण बनता है, यदि बुध ग्रह भी प्रतिकूल हो तो, यह मिल कर दरिद्र योग बनाते है। शनि की दृष्टि तीसरे, पांचवे, आठवें और दशवें भाव की अशुभ होती है। इसके साथ, राहु या केतु का स्थान 8 वें घर में और सूर्य या चंद्र तीसरे, सातवें, आठवें या दशवें भाव में हो, तो भी शनि अशुभ फल देतें है। जो महादरिद्र योग बनाते है। जातक क्रोधी स्वभाव, अव्यवस्थित-विचार, स्वास्थ्य-समस्या, आलस्य, सामान्य-बुद्धि क्षीण होना आदि परेशानियों का सामना करता है। ऐसी स्थिति में मंगल का मजबूत होना और शनि के दुष्प्रभाव को कम करना जरूरी होता है।
समाधान
एक पात्र में जल, दूध, चीनी डाल कर बरगद के प्रतिदिन पेड़ पर अर्पित करें।
गुरु चंडाल योग
समाधान
-500 ग्राम जौ को दूध से धोकर बहते जल में प्रवाहित करें। साथ ही, 500 ग्राम जौ को दूध से धोकर लाल सूती कपडे में किसी भारी वस्तु के निचे दबा दे।
- सुलेमानी हकीक पत्थर की अंगूठी बीच की उंगली में धारण करें और इसे गाय के जूठे पानी से 43 दिन लगातार धोए।
संकट योग
यह योग वैदिक पुराण और लाल किताब के अनुसार अलग है। शनि की स्थिति उच्च होने से यह दूसरे ग्रहों से सर्वोपरि रहने के कारण खराब करने की चेष्ठा करता है या उनकी शक्तियां क्षीण करने की कोशिश करता है। अगर यह 10 वे भाव में हो तो लग्न कुंडली में चंद्र और मंगल की स्थिति खराब कर माँ और भाईओं से अनबन पैदा करता है। यह 7 वें और 5 वें घर सूर्य, चंद्र और मंगल को कमज़ोर कर पिता, माता और भाईओ के जीवन में समस्या लाता है।
समाधान
तीसरे, पांचवे और सातवें घर में मौजूद ग्रहों से सम्बंधित चीज़ों का दान करे।
शनि की वस्तुएं शनिवार को शनि मंदिर में दान दे।
लग्न कुंडली में बैठे ग्रहों से सम्बंधित वस्तुओं का दान दे।
अभी तक आपने तीन बुरे योगों के बारे में जाना अब हम आपसे अच्छे योग, जो की मंगल और चंद्र की युति से बनते है उनके बारे में जानते है।
महा-धनवान योग
यह योग आपको जीवन में समृद्ध कर सक्षम बनता है और जातक पूर्ण रूप से सुख से जीवनयापन करता है। इसके लिए जन्म कुंडली के पहले से छठे घर में मंगल नहीं होना चाहिए और यही मंगल ग्रह 7 वें से 12 वें घर में हो तो धनवान योग बनाता है। साथ ही, इसकी युति चन्द्रमा तीसरे भाव में हो और मंगल 11वें भाव में तो यह महाधनवान योग बनाता है।
10 comments
Jai Mata di gurudev ji 🙏 meri kundli main chander Mangal dono 11ghar mein hai toh kesa hoga
यादी चंद्रमा पांचवें घर में हो और मंगल ग्यारहवें में शुक्र के साथ हो तो क्या परिस्थति होगी
यादी चंद्रमा पांचवें घर में हो और मंगल ग्यारहवें में शुक्र के साथ हो तो क्या परिस्थति होगी
Apna makaan kub banu or job me tarki ke liy kya karu. Mata ji ki tabiyaat bahut kharab rahti 02.03.1981 time 10.02am
Place Bhiwani-Haryana-India
Jai Mata di guruji