माँ ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दुसरे दिन प्राप्त करें माँ ब्रह्मचारिणी की असीम कृपा

नवरात्रि के दुसरे दिन माँ दुर्गा के दुसरे रूप में देवी ब्रह्म्चारिणी जी की उपासना की जाती है। चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन 10 अप्रैल 2024 को है। माँ ब्रह्म्चारिणी को ज्ञान और तप की देवी माना जाता है, माता का स्वरुप अत्यंत ही सहज है वह श्वेत वस्त्र धारण करती है जो की शान्ति का प्रतीक है उनके एक हाथ में अक्ष माला तो दुसरे हाथ में कमंडल होता है भगवती के ब्रह्म्चारिणी स्वरुप की पूजा अर्चना करने से भक्तों को अपने कार्यों में सफलता मिलने के साथ उनकी भावनात्मक शक्ति का विकास होता है।

माँ ब्रह्म्चारिणी से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार माता ब्रह्म्चारिणी ने बहुत ही कठिन तप किया था , तपस्या के दौरान पहले 1000 वर्षो तक उन्होंने केवल फल-फूल खाकर ही बिताए ,अगले 100 वर्ष वह जमीन पर सोई उसके बाद उन्होंने खुले आकाश के नीचे धूप, वर्षा, आंधी को झेलते हुए अपनी तपस्या को जारी रखा करीब 3000 वर्षों तक उन्होंने बेलपत्र खाए और बाद में निर्जल और निराहार रहकर अपनी तपस्या को पूर्ण किया इतनी कठोर तपस्या के कारण ही वो ब्रह्म्चारिणी नाम से जानी जाती हैं।
उनकी कड़ी तपस्या को देखते हुए ब्रह्मा जी ने उन्हें महादेव से विवाह करने का वरदान दिया था। उनकी कड़ी तपस्या और निश्चय, युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

पूजा का महत्व

ज्योतिष के अनुसार देवी ब्रह्म्चारिणी कुंडली में मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं इसलिए जिन जातक की कुंडली में मंगल कमजोर होता है उन्हें देवी की विधि-विधान से पूजा करने पर लाभ होता है पूजा के बाद माता को दूध मिश्री या पंचामृत का भोग लगाना चाहिए।
माँ ब्रह्म्चारिणी की अराधना से व्यक्ति के व्यवहार में वैराग्य और दृढ़ निश्चय की शक्ति में वृद्धि होती है।

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

देवी ब्रह्म्चारिणी आरती

जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता। जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
कमी कोई रहने ना पाए। उसकी विरति रहे ठिकाने॥
जो तेरी महिमा को जाने। रद्रक्षा की माला ले कर॥
जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर। आलस छोड़ करे गुणगाना॥
माँ तुम उसको सुख पहुँचाना। ब्रह्मचारिणी तेरो नाम॥
पूर्ण करो सब मेरे काम। भक्त तेरे चरणों का पुजारी॥
रखना लाज मेरी महतारी।

चैत्र नवरात्री के द्वितीय दिन की हमारी ओर से आप सभी ढेरों शुभकामनाएं।
Back to blog

Leave a comment

Please note, comments need to be approved before they are published.